TOP GUIDELINES OF HANUMAN MOHINI MANTRA

Top Guidelines Of hanuman mohini mantra

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इसी वजह से उन्हें केसरीनंदन और आंजनाय आदि नामों से भी जाना जाता है। वही पुराणों के अनुसार भगवान श्री हनुमान को पवन पुत्र भी कहा जाता है । इन्हें श्री बजरंगबली इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि श्री हनुमान का शरीर एक वज्र की तरह है। इस धरातल मैं जिन सप्त मनीषियों को अमृतत्वा का वरदान प्रदान है उनमें से एक महाबली श्री हनुमान भी है।

उनका नाम सुमिरन करने से ही भक्तो के सारे काम बन जाएंगे

कमेंट करके जरूर बताएं एवं आप अपनी रिकवेस्ट भी हमे कमेंट करके बता सकते है, उस भजन या गीत आदि को जल्द से जल्द लाने की हमारी कोशिश रहेगी

अकस्मादागतोत्पांत नाशयाशु नमोस्तुते।।



हनुमानञ्जनी सूनुर्वायुपुत्रो महाबल:।

तपःसाध्यस्तथाऽऽराध्यः सदैवं पाञ्चभौतिकः ।

हनुमान जी का मूल मंत्र:- ओम ह्रां ह्रीं ह्रं ह्रैं ह्रौं ह्रः॥ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्। ओम हं हनुमंताय नम:.

सुगन्धिवातसचिव मधुमित्र नमोऽस्तु ते ॥ ५॥



वातात्मजम् वानरयूथमुख्यम् श्रीरामदूतम् शरणम् प्रपद्ये॥

इस कलियुग के सभी कष्टों से निवारण करने में हनुमान जी सर्वश्रेष्ठ हैं। दिव्य हनुमान मंत्र जप से इच्छित लाभ पाने के लिए कुछ बातों का ध्यान भी रखना होता है, जोकि हमने आगे click here बताई हैं।

श्री शंका चक्र रमणिया भुजगरा देसम

ॐ हं हनुमते नम:। ‘ ”अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्। सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥” ‘ॐ अंजनिसुताय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि तन्नो मारुति प्रचोदयात्।

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